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एक करोड़ का दाव

प्रकाश भारती

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Belletristik/Erzählende Literatur

Beschreibung

विशालगढ़...बरसों तक जुर्म की दुनिया का सरगना रहे और शराफत का चोला पहनकर इज्जतदार बिजनेसमैन बन चुके निरंजन प्रसाद की पत्नी कंचन का अपहरण कर लिया गया...उसका पता लगाकर वापस लाने के लिए प्रशांत की सेवायें ली गयी...लीड के तौर पर कंचन की फोटो और उसकी बहन और तीन सहेलियों के नाम पते दिए गए..जवान ख़ूबसूरत और सैक्सी कंचन इतनी तेज दिमाग थी अपनी सूझबूझ से निरंजन के जायज धंधों से उसे करोड़ों कमाकर दे रही थी...।


कंचन की सहेली अनीता सक्सेना के घर में दाखिल होते ही प्रशांत पर हमला किया गया...होश गंवाने से पहले वह इतना ही देख सका - हमलावर के दाएं गाल पर जख्म का निशान था...होश में आने पर अनीता की लाश वार्डरोब में लोहे की रॉड पर लटकी पायी...घर की तलाशी लेने पर इतना ही पता चल सका...हेरोइन एडिक्ट थी अनीता...। प्रशांत ने गुमनाम फोन करके हत्या की सूचना दे दी...।


रेनबो क्लब के मालिक जगदीश मित्तल और उसकी चहेती रीना राय से पता चला अनीता वहां से काम छोड़ कर कलकत्ता के किसी पैसेवाले के साथ भाग गई थी...कंचन की बाकि दो सहेलियों सविता मलिक और सरोज वोहरा से मुलाक़ात नहीं हो सकी...।


कंचन की बहन माला वर्मा अपने शानदार गारमेंट्स शो रूम में मिली...उसने साफ़ बताया निरंजन से बेहद नफरत करती है...वह कमीना पूरा शैतान है...कंचन को उससे पति वाला 'सुख' कभी नहीं मिला इसलिए वह दूसरे मर्दों से अपना पहलू आबाद करती रही है...माला के मुताबिक अनीता घटिया किस्म की बाजारू औरत हेरोइन एडिक्ट है इसलिए उसने कंचन को भी उससे दूर रहने को कहा था...। पेशेवर बदमाश जॉनी विक्टर अनीता का खास यार है...जॉनी विक्टर स्थानीय अंडरवर्ल्ड की बड़ी हस्ती कमल किशोर के लिए काम करता है...।


उसी रात अपने फ्लैट से निकलते प्रशांत पर गाल पर जख्म वाले हमलावर द्वारा गोलियां चलाई गयी...जवाब में प्रशांत ने भी फायर किये...प्रशांत बच गया लेकिन उसकी गोली से जख्मी हुआ हमलावर भाग गया...। उसी रात निरंजन ने बताया कंचन के किडनैपर ने एक करोड़ रूपये की फिरौती मांगी है...प्रशांत ने उसे अनीता की लाश, जगदीश मित्तल और रीना राय से हुई मुलाक़ात और खुद पर हुए हमले के बारे में बताया तो निरंजन के प्यादे शेट्टी ने जानकारी दी हमलावर विश्वासनगर का पेशेवर गनमैन सतपाल है...। उसी रात साढ़े तीन बजे शेट्टी से फोन पर सूचना पाकर प्रशांत ताज होटल पहुंचा...वहां आपसी गोली बारी में सतपाल, शेट्टी और उसका एक साथी मारे गए...।


अगले रोज रेनबो क्लब में जगदीश मित्तल को डरा धमकाकर उसकी बातों से प्रशांत समझ गया अनीता की हत्या के मामले में वह पूरी तरह इन्वॉल्व था...रीना राय का पता मालूम करके उसके घर पहुंचा तो पाया वह सामान समेटकर वहां से जा चुकी थी...इमारत के केयर टेकर ने कंचन की फोटो देखकर बताया वह अनीता के फ्लैट में आया करती थी और चोरी छिपे किसी आदमी से मिलती थी...अनीता की पड़ौसन पम्मी नारंग से पता चला - उस रात करीब साढ़े बारह बजे चीखने और नहीं...नहीं की आवाजें सुनी थी...।


उसी रात दो कारों में निरंजन के आदमियों के साथ दो बोरों में एक करोड़ रूपये लेकर प्रशांत फिरौती की रकम डिलीवर करने गया...हाईवे पर निरंजन के प्यादों और अपहरणकर्ता के आदमियों के बीच गोलीबारी हुई...और देर तक चली...प्रशांत ने जॉनी विक्टर को नीली शेवरलेट में भागते देखा...अपहरणकर्ता के दो और निरंजन के तीन आदमी मारे जा चुके थे...नोटों के बोरे गायब थे...।


एक करोड़ का दांव लगाने वाला कौन था...?


क्या प्रशांत उस तक पहुँच सका...?


कंचन वापस कैसे लौटी...?


 

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