अर्थशास्त्र / Arthashastra By Kautilya (Hindi)
कौटिलीय
Sachbuch / Vor- und Frühgeschichte, Antike
Beschreibung
"अर्थशास्त्र" प्राचीन भारत के महान विद्वान और राजनीतिज्ञ चाणक्य (कौटिल्य) द्वारा रचित एक कालजयी ग्रंथ है, जो राजनीति, अर्थव्यवस्था, कूटनीति और शासन कला पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालता है। यह ग्रंथ न केवल तत्कालीन समय की शासन व्यवस्था और राजकीय नीतियों का मार्गदर्शन करता है, बल्कि आज के समय में भी इसकी शिक्षाएं और सिद्धांत प्रासंगिक हैं।
मुख्य विशेषताएं:
आर्थिक नीतियों की उत्कृष्ट व्याख्या - "अर्थशास्त्र" में व्यापार, कर-प्रणाली, आर्थिक विकास और राजस्व संग्रहण के प्रभावी उपायों का वर्णन किया गया है।
प्राचीन भारतीय राजनीतिक दर्शन - यह ग्रंथ राज्य संचालन, प्रशासनिक ढांचे और राजा के कर्तव्यों को स्पष्ट रूप से समझाता है।
हिंदू आध्यात्मिक ज्ञान - नीतियों के पीछे छिपे नैतिक और आध्यात्मिक पहलुओं को उजागर करता है, जिससे नीति निर्धारण में संतुलन और न्याय सुनिश्चित होता है।
कालजयी शिक्षाएं - "अर्थशास्त्र" की शिक्षाएं समय की सीमाओं से परे हैं और हर युग के लिए प्रासंगिक बनी हुई हैं।
व्यावहारिक मार्गदर्शन - जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने के लिए चाणक्य द्वारा सुझाए गए व्यावहारिक उपाय और युक्तियां।
"अर्थशास्त्र" एक ऐसा ग्रंथ है जो न केवल शासकों और प्रशासकों के लिए उपयोगी है, बल्कि आम नागरिक भी इससे प्रेरणा लेकर अपने जीवन में व्यावहारिक दृष्टिकोण अपना सकते हैं।
Kundenbewertungen
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