Vicharon Ke Badal
Mohan Lal Mishra ‘Dheeraj’
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Belletristik/Erzählende Literatur
Beschreibung
विचार मानव मन की अन्तर चेतना है जो व्यक्ति के गहन सोच का परिणाम है लेखक मानवीय पीड़ा के उत्कल तरंगों में बैठकर विचारों का उद्दीपन करता है। विचारों की फेहरिस्त इतनी लम्बी होती है कि पीड़ा, हर्ष, विवाद, जिजीविषा, करुणा, दया, ममता और जाने कितने विषयों को मन मस्तिष्क के भँवर में बैठाकर अनवरत विषयान्तर उत्पन्न करता है। मोहनलाल मिश्र ‘धीरज जी’ हिन्दी साहित्य के वो हस्ताक्षर हैं जिन्होंने कविता, कहानी, नाटक, एकांकी, उपन्यास आदि में अपनी विशेष पहचान बना रखी है। यह पुस्तक ‘विचारों के बादल’ कहानी संग्रह अपने आप में जाने कितने सामाजिक समानताओं और असमानताओं को समेटे हुए है। जो पीड़ा और कुण्ठा को एक ओर उजागर करती है। वहीं दूसरी ओर मानव को जीने के संसाधन प्रस्तुत करती है। बादल जहाँ जोश, गर्जना, साहस का प्रतिनिधित्व करता है वहीं दूसरी ओर भावनाओं की समरसता और एकरूपता को उजागर करता है। मोहन जी का यह कहानी संग्रह उच्चकोटि का है जो विद्वजनों एवं पाठकों को उनमें नवीन विचारों से अनुप्राणित करता रहेगा।