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Chandrakanta Santati - 5

Devakinandan Khatri

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Belletristik / Gemischte Anthologien

Beschreibung

‘चंद्रकांता’ उपन्यास की जबरदस्त सफलता के बाद पाठकों की अत्यंत माँग पर देवकीनंदन खत्री ने “चंद्रकांता संतति” को लिखा था। “चंद्रकांता संतति” में देवकीनंदन खत्री ने 6 उपन्यास लिखे हुए है और हर उपन्यास में 4 भाग है। हर एक भाग में कई सारे बयान मौजूद है। “चंद्रकांता संतति” में देवकीनंदन खत्री ने ‘चंद्रकांता’ उपन्यास में शुरू हुई लौकिक प्रेम कहानी को ही आगे बढ़ाया हुआ है। ‘चंद्रकांता संतति’ - भाग ५ में चंद्रकांता और वीरेंद्र सिंह के बेटे इंद्रजीत सिंह सिंह तिलिस्म के रहस्य को जानने की धुन में अंधे हो जाते है और तिलिस्म का रहस्य जानने के लिए दोनों मिलकर उसकी दीवार को तोड़ देते है। इस भाग में लीला नाम की एक पात्र मुख्य भूमिका में है। वहीं शिवदत्त, कल्याण सिंह, मनोरमा और माधवी मिलकर रोहतगढ़ पर चढ़ाई कर। जिसके बाद भूतनाथ और सूर्य सिंह मिलकर शिवदत्त और कल्याण सिंह को धमकाते है और मनोरमा को गिरफ्तार कर लेते है और माधवी उनकी गिरफ्त से छूट जाती है।

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