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Gaban

Premchand

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Belletristik / Gemischte Anthologien

Beschreibung

गबन' - प्रेमचंद जी का लिखा हुआ उपन्यास है। जिसमें प्रेमचंद जी ने एक बेहद विशेष चिंताकुल विषय को संबोधित किया है। यह विषय है पति के जीवन पर पत्नी का गहनों के लिए अपने प्यार के कारण पड़ने वाले प्रभाव की। प्रेमचंद जी ने आपके इस उपन्यास में टूटते हुए मूल्यों के अंधेरे में भटकते मध्यवर्ग का वास्तविक चित्रण को दर्शाया है। इस कहानी को जीवंत बनाने के लिए उन्होंने समझौता परस्त और महत्वाकांक्षा से पूर्ण मनोवृत्ति और पुलिस का बेबाक चित्रण अंकित किया है। 'गबन' में प्रेमचंद जी ने नारी समस्याओं को व्यापक भारतीय परिप्रेक्ष्य में रखा है और तत्कालीन भारतीय स्वाधीनता आंदोलन से जोड़ा है। जिसने इस साहित्य को एक नई दिशा का संकेत दिया है। यह उपन्यास पाठक को नए रास्ते खोजने की प्रेरणा देता है, क्योंकि इस उपन्यास में जीवन की असलियत को गहराइयों से दिखाया गया है और समाज के काफी सारे भ्रमों को भी तोड़ा है।

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